महिला पहलवानों ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (WFI) का अध्यक्ष बनाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी है। विनेश फोगाट ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को महिलाओं को ढाल बनाकर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं साक्षी मलिक ने कहा है कि मोदी खुद को संविधान और न्यायपालिका से ऊपर समझते हैं।
दरअसल, महिला पहलवानों ने कुछ महीने पहले बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए लंबा आंदोलन चलाया था। लेकिन बीजेपी ने अपने सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने 18 मार्च 2024 को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का कामकाज देखने के लिए बनाई गई तदर्थ समिति को भंग कर दिया और डब्ल्यूएफआई पर लगा निलंबन भी हटा लिया था। आईओए के इस फैसले को भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और उनके करीबी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के नए अध्यक्ष संजय सिंह ने अपनी जीत बताया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में राहुल गाँधी के एक भाषण का संदर्भ बदलकर कहा कि वे शक्ति के खिलाफ़ लड़ रहे हैं। शक्ति तो महिलाएँ होती हैं। इसे ही विनेश फोगाट ने बात को बदलने वाला करार दिया है और पीएम मोदी को स्पिन मास्टर बताया है।
महिला शक्ति की असल सच्चाई भी जान लीजिए
विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा ‘प्रधानमंत्री जी स्पिन मास्टर है’ अपने प्रतिद्वंदियों के भाषणों का जवाब देने के लिए “महिला शक्ति” का नाम लेकर बात को घुमाना जानते है। नरेंद्र मोदी जी, हम महिला शक्ति की असल सच्चाई भी जान लीजिए। महिला पहलवानों का शोषण करने वाला बृजभूषण फिर से कुश्ती पर काबिज हो गया है। उम्मीद है कि आप महिलाओं को बस ढाल बनाकर इस्तेमाल नहीं करेंगे। बल्कि देश की खेल संस्थाओं से ऐसे अत्याचारियों को बाहर करने के लिए भी कुछ करेंगे।’
दुराचारी सरकार, संविधान और न्यायपालिका सबसे ऊपर मोदी
विनेश फोगाट से पहले साक्षी मलिक ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के उस पत्र को शेयर किया जिसमें डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटाने की बात कही गई थी। साक्षी मलिक ने लिखा इतिहास गवाह है कि इस देश की धरती पर सदियों से ताकतवर लोगों ने महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है। आज 21वी सदी में हमने हिम्मत दिखाकर एकजुट होकर अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और पूरी जी जान लगाकर संघर्ष किया ताकि भारतीय कुश्ती संघ से दुराचारी लोगों को हटाया जा सके और महिला पहलवान सुरक्षित महसूस कर सकें। लेकिन संपन्न दुराचारी इतना ताकतवर है कि वो सरकार, संविधान और न्यायपालिका सबसे ऊपर है। सरकार द्वारा कुश्ती संघ को निलंबित करने के बाद बृजभूषण व संजय सिंह लगातार ये बयान देते रहे कि ये निलंबन सिर्फ़ एक दिखावा है, कुछ दिन बाद हम बहाल हो जाएंगे और सदा के लिये हमारा ही कुश्ती संघ पर कब्जा रहेगा। ये बात सच साबित हुई और भारतीय ओलंपिक संघ के इस पत्र ने इस बात पर आधिकारिक रूप से मोहर लगाकर ये साबित कर दिया। बधाई हो इस नये भारत में भी नारियों के अपमान की सदियों पुरानी परंपरा कायम रहेगी। भारत माता की जय, गौ माता की जय और इस देश की हर माता की जय।
ज़ाहिर है, महिला पहलवान खुद को छला महसूस कर रही हैं। सरकार ने आश्वासन दिया था कि दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई होगी, लेकिन बाज़ी फिर ब्रजभूषण शरण सिंह के हाथ रही जिन पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है। महिला पहलवानों की निगाह में इस अत्याचार के पीछे कोई और नहीं, प्रधानमंत्री मोदी हैं। महिला शक्ति को लेकर होने वाले उनके भाषण महज़ दिखावा हैं।