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ईडी के सामने पेश होने को तैयार केजरीवाल, पर हाईकोर्ट से माँगी गिरफ्तारी से सुरक्षा

दिल्ली हाईकोर्ट 22 अप्रैल को तय करेगा कि प्रवर्तन निदेशालय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पेशी पर गिरफ़्तार करेगा या नहीं। केजरीवाल ने ईडी की ओर से जारी ईडी के नौ समन को को गैरकानूनी बताते हुए चुनौती दी थी। बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें समन का सम्मान करते हुए पेश होना चाहिए ताकि पता चले कि ईडी क्या कह रही है। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल वीडियो कान्फ्रेंसिंग के लिए तैयार हैं। वे साक्षात भी पेश हो सकते हैं लेकिन यह निश्चित किया जाये कि ईडी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। अगली सुनवाई में हाईकोर्ट गिरफ़्तारी से प्रोटेक्शन के इसी मामले पर सुनवाई करेगा। 

अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति यानी कथित शराब घोटाले और दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मामले को लेकर समन भेजे हैं। केजरीवाल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि  निचली अदालत द्वारा ईडी और सीबीआई  को नोटिस जारी होने के बाद भी वे बार-बार समन जारी कर रहे हैं।

 

राउज अवेन्यू कोर्ट ने दी थी ज़मानत 

कथित शराब घोटाले मामले में राउज अवेन्यू कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही 15000 हज़ार के बॉन्ड पर सीएम अरविंद केजरीवाल को ज़मानत दी थी।इसके बाद ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड में अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर समन जारी कर दिया था। सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को इस मामले में पेश होना था लेकिन वे पेश नहीं हुए। उस समय दिल्ली सरकार में मंत्री अतिशी ने कहा था कि केजरीवाल को प्रचार नहीं करने देने को लेकर चुनावों से ठीक पहले ये सारा ड्रामा किया जा रहा है। 

आम आदमी पार्टी का कहना है कि ये समन ग़ैरक़ानूनी है और बदले की भावना के साथ सब कुछ किया जा रहा है। उधर, ईडी का कहना है कि उनके पास सीएम अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं। खबरों के अनुसार  सीएम का नाम हाल ही में गिरफ़्तार हुईं के. कविता के साथ भी जोड़ा जा रहा है। 


क्या है डीजेबी मामला ?

केंद्रीय जाँच ब्यूरो की शिकायत के आधार पर यह आरोप लगाया गया है कि पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एक निजी फ़र्म को 38.02 करोड़ रुपयों का ठेका दिया था जो कि पात्रता मापदंडों के आधार पर नहीं था। यह कार्य विद्युत चुम्बकीय प्रवाह मीटरों  की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमिशनिंग से सम्बंधित था। 

 

ईडी की चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल का नाम बार-बार क्यों ? 

चार्जशीट के अनुसार अरविंद केजरीवाल का नाम कई बार इसलिए है क्योंकि जब दिल्ली के लिए शराब नीति बनायी जा रही थी उस समय अरविंद केजरीवाल का सम्बंध हर उस व्यक्ति से था जिन पर  अब घोटालों का आरोप है। जाँच एजेन्सी के अनुसार के. कविता के अकाउंटेंट ने  पूछताछ में अरविंद केजरीवाल का भी नाम लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने दावा किया है कि इसके लिए के.कविता ने  सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम  मनीष सिसोदिया को 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। 

वैसे, मनीष सिसौदिया से लेकर संजय सिंह और अब अरविंद केजरीवाल तक वायदा माफ गवाह के बयान के आधार पर आरोपित किये जा रहे हैं। यानी किसी गिरफ्तार व्यक्ति ने इनका नाम लिया है। ईडी के पास मनी ट्रेल यानी पैसे के लेन-देने का कोई प्रमाण नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ईडी गिरफ्तार लोगों पर दबाव डालकर उनके बयान ले रही है। या फिर ऐसे लोगों को छोड़ दिये जाने का लालच देकर ऐसा कहलाया जा रहा है। जो भी हो, इतना तय है कि जब तक मनी ट्रेल स्थापित नहीं होती तो फिर इन आरोपों को प्रमाणित मानना मुश्किल होगा।

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