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किसानों के लिए कांग्रेस की MSP समेत पाँच गारंटियाँ क्या साबित होंगी गेम चेंजर?

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसानों ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ बिगुल फूँक दिया है। गुरुवार को दिल्ली में हुई किसान महापंचायत में बीजेपी के विरोध का संकल्प लिया गया। इस माहौल में कांग्रेस पार्टी खुलकर किसानों के साथ खड़ी हो गयी है। उसने एमएसपी की माँग को स्वीकार करने के साथ-साथ किसानों के लिए पाँच गारंटियों के साथ ‘किसान न्याय’ का ऐलान किया है। हालाँकि कथित मुख्यधारा मीडिया ने इस पर चर्चा करने से परहेज़ किया है लेकिन सोशल मीडिया के ज़रिये ये गारंटियाँ किसानों तक पहुँच रही हैं और इन्हें गेम चेंजर कहा जा रहा है।

 

क्या है किसान न्याय गारंटी

कांग्रेस किसानों के लिए एक ऐसी पांच गारंटी लेकर आई है जो किसानों की समस्याओं को जड़ से ख़त्म करने का दावा करती है। राहुल गांधी अपनी न्याय यात्रा के दौरान लगातार इन पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने अपने एक्स हैेंडल पर इन गारंटियों के बारे में लिखा-  

 

  1. MSP को कानूनी दर्जा दिया जाएगा। डॉ. स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के अनुसार MSP तय होगी। 

 

  1. किसानों के ऋण माफ करने और ऋण माफी की राशि निर्धारित करने के लिए एक स्थायी कृषि ऋण माफी आयोग की स्थापना होगी।   

 

  1.  किसान की फसल के नुकसान होने पर 30 दिनों के भीतर सीधे बैंक खाते में भुगतान  सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में परिवर्तन होगा।

 

  1.  कृषि उत्पादों के लिए एक आयात-निर्यात नीति लागू होगी, जिसमें किसानों के हित सर्वोपरि होंगे।

 

  1. किसान GST मुक्त होंगे। कृषि में इस्तेमाल होने वाले सामान पर टैक्स से छूट के लिए GST में संशोधन होगा।

 

राहुल गांधी ने लिखा “ देश की मिट्टी को अपने पसीने से सींचने वाले  किसानों के जीवन को खुशहाल बनाना ही कांग्रेस का लक्ष्य और यह पांच ऐतिहासिक फ़ैसले उसी दिशा में बढ़ाए गए कदमों का हिस्सा है।   राहुल गांधी ने किसान न्याय गारंटी के साथ अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्टर भी जारी किया। इस पोस्टर में पांचो गारंटी को विस्तार से बताया गया है। इस पोस्टर में एक फोन नंबर है जिसमें कहा गया है कि जो कांग्रेस की इन गारंटी का समर्थन करता है वो इस नंबर पर मिस कॉल करें।        

 

किसान आंदोलन के बीच किसान न्याय गारंटी

चार सौ से ज़्यादा किसान संगठनों से बने संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी के मुद्दे पर लगातार आंदोलन कर रहा है। इस संगठन ने ही लगभग साल भर दिल्ली घेरे रखकर तीन कृषि कानून वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर कर दिया था। इस आंदोलन के बाद ही किसानों का मुद्दा तूल पकड़ने लगा। पिछले दिनों हरियाणा-पंजाब के शंभू बार्डर पर भी किसानों का मोर्चा लगा था। हरियाणा सरकार ने किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए सड़कों पर कीलें गाड़ दी थीं और बड़े-बडे़ बोल्डर खड़े कर दिये थे। किसानों पर पुलिस ने पैलट गन का भी इस्तेमाल किया था। इस आंदोलन में एक युवा किसान की शहादत भी हो गयी थी। कुल मिलाकर किसानों के बीच मोदी सरकार को लेकर काफी असंतोष है।

इस माहौल में राहुल गाँधी जिस तरह से लगातार किसानों की बात कर रहे हैं और एमएसपी की माँग पूरी करने का दावा कर रहे हैं, उसके राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं। हालाँकि मी़डिया ने कांग्रेस की महिला और युवा गारंटियों के साथ किसान न्याय गारंटी को भी लगभग गायब कर रखा है लेकिन चुनावी माहौल गरमाने के साथ-साथ यह मुद्दा रंग दिखा सकता है।

 

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