तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘28 पैसा पीएम’ कहा है। यह प्रतिक्रिया केंद्र द्वारा गैरबीजेपी सरकारों के फंड आवंटन में होने वाले भेदभाव को लेकर है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि अगर तमिलनाडु केंद्र सरकार को टैक्स के तौर पर 1 रुपया देती है तो केंद्र हमें 28 पैसे ही लौटता है। जबकि भाजपा शासित राज्यों को ज़्यादा फंड दिया जाता है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि “हमें पीएम को 28 पैसा पीएम कहना चाहिए।”
उदयनिधि स्टालिन का पीएम पर कटाक्ष
उदयनिधि स्टालिन ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र तमिलनाडु में बच्चों का भविष्य नष्ट करने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लेकर आयी है। स्टालिन ने राज्य को पर्याप्त धन आवंटन न करने, विकास से संबंधित परियोजनाओं को लागू न करने, और राज्य के एनईईटी (मेडिकल प्रवेश परीक्षा) पर प्रतिबंध लगाने को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किये हैं। स्टालिन ने प्रधानमंत्री के तमिलनाडु राज्य दौरे को लेकर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री केवल चुनाव के दौरान ही यहां आते हैं।
स्टालिन ने प्रधानमंत्री को कहा कि “अच्छा होगा यदि प्रधानमंत्री बाढ़ के दौरान भी तमिलनाडु में आकर देखें।“
2024 का चुनाव तय करेगा भारत में लोकतंत्र रहेगा या नहीं
स्टालिन ने कहा कि अगर भाजपा सरकार फिर से सत्ता में आती है तो देश में संघीय व्यवस्था ख़त्म हो जायेगी। देखते ही देखते राज्यों का अस्तित्व भी ख़त्म हो जायेगा। उन्होंने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव यह तय करेगा कि भारत में लोकतंत्र कायम रहेगा या नहीं।
स्टालिन ने केंद्र से सवाल करते हुये कहा कि पांच साल से ज़्यादा हो गये लेकिन अभी तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव नहीं कराये गये हैं? यही भाजपा की तानाशाही है। यदि भाजपा फिर से सत्ता में आती है तो तमिलनाडु के साथ भी यही होगा।
तमिलनाडु में 19 अप्रैल को हैं चुनाव
तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल के पहले चरण में चुनाव होने हैं। जिसके कारण तमिलनाडु में चुनाव प्रचार जोरों पर है। 2019 के लोकसभा चुनावों में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 39 लोकसभा सीटों में से 38 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसमें अकेले डीएमके पार्टी ने 23 लोकसभा सीटें जीती थी।
देशभर में 543 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव होंगे, जिसकी शुरुआत अप्रैल 2019 से शुरू होगी। वोटों की गिनती 4 जून को की जायेगी।
तमिलनाडु सिर्फ़ अकेला राज्य नहीं है जिसने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। समय- समय पर कई राज्यों से ऐसी ही ख़बरें हमे देखने को मिलती रहती है। जिस जीएसटी को भारत में यह कहकर लागू किया गया था कि इससे राज्यों के राजस्व को फ़ायदा होगा, जबकि हक़ीक़त उलट है। कई राज्य आज भी राजस्व जैसे समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिसकी वज़ह से राज्यों को केंद्र से ऋण भी लेना पड़ जाता है।
कुछ दिन पहले इस मुद्दे पर केरल और कर्र्नाटक के के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था। तब केंद्र की मोदी सरकार पर उन्होंने राज्यों को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का आरोप लगाया था।