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अमेरिका ने नागरिकता संशोधन कानून पर ज़ाहिर की चिंता, विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब    

भारत में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू किये जाने को लेकर दूसरे देशों में भी चिंता जतायी जा रही है। अमेरिकी विदेश विभाग के बाद अमेरिकी सांसद बेन कार्डिन ने भी सीएए को लेकर चिंता जाहिर की है। बेन कार्डिन ने कहा है कि वे विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू  करने के भारत सरकार के फैसले से चिंतित हैं। उन्होंने खासतौर पर मुस्लिम समुदाय पर इस कानून की वजह पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सबसे बुरी बात ये है कि इसे रमजान के पवित्र महीने के दौरान लागू किया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत संबंध गहराते जा रहे हैं लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हमारा सहयोग सभी धर्म के व्यक्तियों के मानवाधिकारों की रक्षा के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित हो। बेन कार्डिन उसी डेमोक्रेटिक पार्टी से सम्बन्ध  रखते हैं, जिससे राष्ट्रपति जो बाइडेन जुड़े है। 

पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश विभाग ने भी सीएए को लागू  करने को लेकर चिंता जताई थी। विदेश विभाग ने कहा था कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत होना चहिए। भारत ने इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि हमें उन लोगों के लेक्चर की जरूरत नहीं है, जिन्हें विभाजन के इतिहास की जानकारी नहीं है।

 

यह हमारा आंतरिक मामला है 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम  भारत का आंतरिक मामला है। यह भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला है। जिनके पास भारत की परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास के बारे में सीमित जानकारी है। उनको इस मुद्दे पर ज्ञान देने का प्रयास नहीं करना चाहिए।  

विदेश मंत्रालय ने कहा कि जहां तक सीएए के नोटिफिकेशन पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है। हमारा मानना है कि यह गलत जानकारी वाला और अनुचित बयान है। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।  अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर किसी भी चिंता का कोई आधार नहीं है।  संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए उठाए गए किसी भी प्रशंसनीय पहल को वोट बैंक की राजनीति से नहीं देखा देना चाहिए.


क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम  

गृह मंत्रालय ने 11 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 लागू कर दिया था। इसमें पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान के ऐसे गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिलने का प्रावधान है जो  31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे। इसके साथ ही भारत सरकार ने यह भी साफ किया है कि इससे भारतीय मुस्लिमों को चिंतित होने की जरूरत नही है। सीएए किसी की  नागरिकता प्रभावित नहीं करता है।

 

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