सरकार की ओर से कोई ध्यान न देने से निराश पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने मंगलवार को लद्दाख़ के लेह में अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया। वे बीते 21 दिनों से अनशन पर थे। छोटी बच्चियों ने सोनम वांगचुक को जूस पिलाकर अनशन को समाप्त कराया। इस दौरान हज़ारों की संख्या में समर्थकों ने अपनी मौजूदगी दर्ज़ करायी। सोनम वांगचुक ने कहा कि अनशन ज़रूर समाप्त हुआ है लेकिन आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक माँगें मानी नहीं जातीं।
सरकार ने नहीं दिया कोई ध्यान
सोनम वांगचुक ने अपने 21 दिनों तक अनशन किया लेकिन इस दौरान सरकार की तरफ़ से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी।सोनम वांगचुक ने इस दौरान नमक और पानी ही पिया। अपने अनशन के हर दिन सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों और सरकार को अपनी मांगों की जानकारियां देते रहे। लोगों का समर्थन तो दिखा लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि सोनम वांगचुक से मिलने नहीं आया।
सोनम वांगचुक ने बताया कि अनशन के 21 दिनों के दौरान 350 लोग -10 डिग्री सेल्सियस में खुले आसमान के नीचे सोये जबकि दिन में हज़ारों की संख्या में लोग समर्थन देने पहुँचे। फिर भी सरकार की तरफ़ से एक भी शब्द नहीं बोला गया। सोनम वांगचुक ने केंद्र सरकार से एक स्टेट्समैन की तरह लोगों की मांग पूरा करने का आग्रह किया है।
लद्दाख़ के लोगों से किए वादे पूरे करे केंद्र – सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लद्दाख को लेकर बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार उन वादों को पूरा करे। सोनम वांगचुक का यह आंदोलन हिमालय की पारिस्थितिकीय और लद्दाख की जनजातियों की संस्कृति को बचाने के लिए है। सोनम वांगचुक लद्दाख़ को छठीं अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्ज़ा देनें की मांग कर रहे हैं। मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 समाप्त करने के साथ ही लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।
सोनम वांगचुक एक पर्यावरणविद् के साथ साथ मैकेनिकल इंजीनियर और शिक्षक भी हैं। वह हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव, लद्दाख (एचआईएएल) के निदेशक भी हैं। सोनम वांगचुक को साल 2018 में मैग्सेसे अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। चर्चित फ़िल्म थ्री ईडियट्स मैं आमिर ख़ान द्वारा निभाया गया रैंचो का किरदार भी उन्हीं पर केंद्रित था।
प्रकाश राज ने सोनम वांगचुक को दिया समर्थन
वैसे, सोनम के अनशन की गूँज देश भर में सुनी गयी है। प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता अभिनेता प्रकाश राज अपने जन्मदिन के मौके पर लेह पहुंचे और अनशन कर रहे सोनम वांगचुक से मुलाकात की। प्रकाश राज ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया। प्रकाश राज ने कहा कि लद्दाख़ के लोग सिर्फ खुद के लिए नहीं, बल्कि हर देशवासी के हित के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पानी, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को लेकर जो आंदोलन चलाया जा रहा है वो सिर्फ़ किसी एक के लिए नहीं है बल्कि हम सभी के लिए है। सरकार कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के कारण लद्दाख़ की मांगों को पूरा नहीं कर रही है।
वैसे, अनशन को लेकर सरकार की बेज़ारी से कई सवाल खड़े हो गये हैं। कहा जा रहा है कि अगर सरकार अहिंसक आंदोलनों के प्रति उदासीन रवैया रखेगी तो फिर लोगों का अहिंसक प्रतिवाद से भरोसा उठ जायेगा जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होगा।