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केजरीवाल गिरफ़्तार, दिल्ली में देर रात तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार रात एक हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम विवादित दिल्ली शराब नीति के मामले में सर्च वारंट लेकर उनके घर पहुँची और पूछताछ के बाद क़रीब नौ बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने यह कार्रवाई हाईकोर्ट में गिरफ़्तारी से बचने की केजरीवाल की याचिका ख़ारिज होने के कुछ घंटे बाद की। इस बीच आम आदमी पार्टी के तमाम समर्थक मुख्यमंत्री आवास के आसपास इकट्ठा हो गये थे। सुरक्षा की दृष्टि से धारा एक सौ चौवालीस लगाने के साथसाथ भारी सुरक्षाबल तैनात कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रात में ही सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की कोशिश की लेकिन तत्काल लिस्टिंग और सुनवाई की उनकी माँग नहीं मानी गयी। उन्हें शुक्रवार सुबह आने को कहा गया। इसके बाद ईडी के रास्ते में कोई बाधा नहीं बची और केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया।

हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर रोक की याचिका पर 22 अप्रैल को सुनवाई करने का फ़ैसला किया था लेकिन किसी तरह की रोक नहीं लगायी थी।ईडी ने इसी का फ़ायदा उठाया और गिरफ़्तारी कर ली जिसकी आशंका कई दिनों से जतायी जा रही थी। आम आदमी पार्टी नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी है । दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा– ”यह साफ है कि ईडी और उनके आका बीजेपी अदालतों का सम्मान नहीं करते। अगर ऐसा होता तो वे आज (गुरुवार) ही अरविंद केजरीवाल के आवास पर छापा मारने नहीं आते। यह एक राजनीतिक साजिश है और वे यहां अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने आए हैं

ख़बर है कि केजरीवाल और उनके परिजनों के फ़ोन भी ईडी ने ज़ब्त कर लिये थे। आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं को इस दौरान केजरीवाल के घर में घुसने नहीं दिया गया।  आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहामोदी जी को केजरीवाल जी से डर लगता है। पूरे देश में केजरीवाल जी ही मोदी के एकमात्र विकल्प हैं। केजरीवाल जी को तो गिरफ़्तार कर लोगे लेकिन हर शहर, गाँव, क़स्बे में केजरीवाल जी की जो सोच पैदा होगी, उसे कैसे गिरफ़्तार करोगे?

केजरीवाल की गिरफ़्तारी के साथ ही आम आदमी पार्टी की सरकार का संकट बढ़ गया है। सत्येंद्र जैन, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह के बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पार्टी नेतृत्व की पूरी पहली पंक्ति ही जेल पहुँच गयी है। केजरीवाल इस्तीफ़ा देते हैं  तो दूसरा कौन नेता दिल्ली की कमान सम्भालेगा, इस पर सबकी नज़र है। अगर केजरीवाल इस्तीफ़ा नहीं देते हैं तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगना भी तय है। 

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