अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट एक याचिका दाखिल की थी जिसमें कहा गया था कि अगर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गिरफ्तार न करने का आश्वासन दे तो वे ईडी के समन पर पेशी के लिए तैयार हैं। लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि केजरीवाल को ईडी के सामने पेश होना होगा। अगर ईडी के पास केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत हो तो गिरफ्तारी पर रोक नहीं है। हाईकोर्ट ने ईडी से कहा है कि अगर गिरफ्तारी करने का कोई सबूत है तो उसे कोर्ट में पेश करें। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
ईडी ने 17 मार्च को केजरीवाल को 9वां समन भेजा था। केजरीवाल समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बार-बार समन भेजने को लेकर ईडी को तलब किया था। कोर्ट ने ईडी की तरफ से पेश अपर महाधिवक्ता एसवी राजू पूछा: आपको उन्हें गिरफ्तार करने से किसने रोका? आप उन्हें बैक टु बैक समन क्यों दे रहे हैं?
केजरीवाल के वकील ने क्या कहा
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने 20 मार्च को कोर्ट में केजरीवाल का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि ईडी आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच एजेंसी केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है। वकीलों ने कहा था कि केजरीवाल भाग नहीं रहे है। वे सामने आएंगे, पर शर्त यह है की उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाए। भले ही ईडी यह न बताएं कि उन्हें आरोपी, संदिग्ध या गवाह के रूप में बुला रही है। इस पर कोर्ट ने कहा था कि अगर केजरीवाल ईडी के समन पर पेश नहीं होंगे तो कैसे पता चलेगा कि उन्हें आरोपी के तौर पर बुलाया जा रहा है या गवाह के तौर पर
केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से अपील की कि उन्हें ईडी से वे दस्तावेज चाहिए जिनके आधार पर उनसे पूछताछ होनी है। कोर्ट ने ईडी को दस्तावेज देने के आदेश दिये हैं। इस मामले पर अब 1 अप्रैल को सुनवाई होगी।
शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 17 मार्च, 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को कुल मिलाकर नौ बार समन भेजा गया। लेकिन केजरीवाल एक भी समन पर पेश नहीं हुए। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह सभी समन राजनीति से प्रेरित हैं।