केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पति और अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड हिन्दुस्तान का ही नहीं, बल्कि दुनियाँ का सबसे बड़ा स्कैम है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए परकला प्रभाकर ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के कारण जो कुछ भी सामने आया है, इससे अब यह लड़ाई भाजपा और भारत के लोगों के बीच की बन गयी है।अब यह मुद्दा भाजपा बनाम विपक्ष या भाजपा गठबंधन बनाम विपक्षी गठबंधन तक ही सीमित नहीं रहा है। चुनावी बॉन्ड का मुद्दा अब भाजपा के नियंत्रण से बाहर हो गया है। आम लोगों के सामने अब चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारियां सामने आ रहीं हैं।
आंध्र प्रदेश के नरसापुरम में जन्मे परकला प्रभाकर राजनीतिक अर्थशास्त्री और सामाजिक टिप्पणीकार हैं। उन्होंने संचार सलाहकार के रूप में भी काम किया है। जुलाई 2014 से लेकर 2018 के बीच परकला प्रभाकर ने आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्यमत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ जुड़कर काम किया था। वे आंध्र प्रदेश के टेलीविज़न चैनलों पर करंट अफेयर्स से संबंधित कार्यक्रम भी करते रहे हैं।
निर्मला सीतारमण और उनके पति परकला प्रभाकर, दोनों ने ही जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।उनकी शादी 1986 में हुई थी।
कई बार कर चुके है केंद्र सरकार की आलोचना
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी समझी जाती हैं लेकिन परकला प्रभाकर समय-समय पर केंद्र सरकार और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की आलोचना करते रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होने मोदी सरकार के उस दावे को भी गलत बताया था जिसमें कहा गया था कि 10 वर्षों में सरकार द्वारा गरीबों, किसानों, महिलाओं के कल्याण के लिए काफी काम किया गया है। प्रभाकर ने इन दावों को किसान आंदोलन, युवा बेरोज़गारी और उच्च मुद्रास्फीति के आधार पर खारिज़ किया था।
इससे पहले परकला प्रभाकर ने मणिपुर की स्थिति को देखते हुए कहा था कि अगर हम संभले नहीं तो जो मणिपुर में जो हो रहा है वो दक्षिण भारत में भी हो सकता है। ऐसा कहते हुए, प्रभाकर ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा था।
9 दिसंबर को परकला प्रभाकर ने कन्नूर में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि मोदी सरकार कुछ कॉर्पोरेट मित्रों के फायदों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को नष्ट कर रही है।
चुनावी बॉन्ड को लेकर विपक्ष के आरोप
विपक्ष भी चुनावी बॉन्ड को ‘बड़ा घोटाला’ और ‘जबरन वसूली’ का आधार बता चुका है। राहुल गांधी ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है, जो भ्रष्ट उद्योगपतियों और सरकार के बीच सांठगांठ की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लायेगा।
चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किये गये डाटा के मुताबिक चुनावी बॉन्ड को उन कंपनियों और लोगों द्वारा खरीदा गया जिन पर भ्रष्टाचार और अन्य वित्तीय अपराधों में शामिल होने के आरोप हैं। आंकड़ों के अनुसार भाजपा को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सबसे अधिक चंदा मिला है।