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इलेक्टोरल बॉन्ड आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला, विपक्ष ने की SIT जाँच की माँग

कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इलेक्टोरल बॉन्ड का विवरण सामने आने के बाद इसे आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए जाँच की माँग की है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का विवरण सौंपा है। ये विवरण बताता है कि तमाम ऐसी कंपनियों ने करोड़ों के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जिन पर जाँच एजेंसियों ने छापा मारा था।या फिर लाखों की हैसियत वाली कंपनियों ने करोड़ों के बॉन्ड खरीदे। 

 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इलेक्टरोल बॉन्ड पर एसआईटी जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग की है। उन्होंने ये भी माँग की है कि जब तक यह जांच पूरी नहीं हो जाती, बीजेपी के सभी बैंक खातों के लेनदेन पर रोक लगाना चाहिए। भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड से अरबों रुपये की रकम जुटा ली है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस को भी  चंदा मिला है लेकिन कांग्रेस के बैंक खातों पर लेनदेन की रोक लगी हुई है। ऐसे में विपक्षी पार्टी चुनाव कैसे लड़ेंगी। सभी दल को समान अवसर मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा।’ खड़गे ने भाजपा पर आरोप लगाया कि आयकर विभाग का सहारा ले कर कांग्रेस के बैंक खातों पर रोक लगायी गयी है। 

 

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर क्या है विपक्ष की प्रतिक्रिया 

समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड का विवरण सामने आने के बाद यह साबित हो गया है कि भाजपा सबसे बड़ी खाऊ पार्टी है। चुनावी बांड महाघोटाले का सुप्रीमो है। चुनावी बॉन्‍ड बेरोजगारी, महंगाई, शोषण व युवाओं का भविष्य खराब करने के लिए  भाजपा की गारंटी है। यह काले धन को सफेद करने की भाजपा की गारंटी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ईडी, सीबीआई व इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों का प्रयोग विपक्ष को परेशान करने व चुनावी चंदा वसूलने के लिए किया है। 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का जो विवरण सामने आया है,वह अधूरा है।उन्होंने कहा कि सूची में चार श्रेणियां है। वे जिन्होंने चुनावी बॉन्ड खरीदे और सरकारी अनुबंध प्राप्त किए, वे जिन्होंने जांच एजेंसियों की धमकी के कारण बॉन्ड खरीदे, वे जिन्होंने अनुबंध पाने के लिए रिश्वत के रूप में बॉन्ड खरीदे और कंपनियों के माध्यम से खरीदारी की। उन्होंने कहा यह स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला है।

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भाजपा पर गेमिंग और जुआ कंपनियों द्वारा खरीदे गए चुनावी बांड का मुख्य लाभार्थी होने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा पर “देश के सबसे बड़े घोटाले” में शामिल होने का आरोप लगाया।

राजद के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने दावा किया कि चुनावी बांड के आंकड़ों से साबित हो गया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा देश का इतिहास का सबसे भ्रष्ट राजनीतिक दल है।

सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा जब हम संसद में थे तो हमने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यह राजनीतिक भ्रष्टाचार को कानूनी दर्जा देने जैसा है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी चुनावी बॉन्ड को सबसे बड़ा घोटाला बताया और एसआईटी जांच की मांग की।   

 

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