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अन्ना और कुमार विश्वास ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी को बताया कर्मफल, योगेंद्र ने लोकतंत्र का चीरहरण

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर उनके पुराने साथियों की अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आयी है। आम आदमी पार्टी को जन्म देने वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के नायक कहे जाने वाले अन्ना हज़ारे ने इलेक्टोरल बॉन्ड समेत मोदी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों पर चाहे चुप्पी न तोड़ी हो, केजरीवाल की गिरफ्तारी को ‘कर्मों का फल’ बताने में उन्होंने कोई देर नहीं की।

अन्ना हजारे ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा, ‘मुझे इस बात का कोई दुख नहीं है। यह उनके कर्मों का फल है।’ अन्ना हजारे ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘अरविंद केजरीवाल जैसा आदमी जो मेरे साथ काम करता था, जो मेरे साथ मिलकर शराब नीति के खिलाफ आवाज उठाते थे, आज वह शराब नीति बना रहे हैं। इसका मुझे दुख हुआ कि उन्होंने मेरी यह बात नहीं मानी। सत्ता के सामने कुछ नहीं दीखता। अब जो होगा उसे सरकार कानूनी तौर पर देखे।’

उन्होंने कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को इस तरह की नीति लागू नहीं करने की चेतावनी पहले ही दी थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने बोला था कि हमारा काम शराब नीति बनाना नहीं है। एक छोटा बच्चा भी यह जानता है कि शराब बुरी चीज है। लेकिन वह नहीं माने और उन्होंने शराब नीति बनाई। उन्हें लगा कि वह इससे ज्यादा पैसे कमा लेंगे, इस वजह से उन्होंने इस नीति को लागू किया।’ उन्होंने कहा ‘मैंने अरविंद केजरीवाल को शराब नीति लागू नहीं करने के लिए दो बार चिट्ठी भी लिखी लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी। यह मेरी बात ना मानने का नतीजा है की आज वे गिरफ्तार हो चुके हैं।’  

अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में गुरुवार को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।   

 

केजरीवाल के गुरु है अन्ना हजारे 

केजरीवाल अन्ना हजारे को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। जनलोकपाल बिल आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे की टीम में शामिल अरविंद केजरीवाल का नाम जनता के सामने आया था। 2011 में शुरू हुए  इस आंदोलन मेंं केजरीवाल एक प्रमुख चेहरा थे। उन्होंने अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग की थी। अन्ना हजारे ने नई दिल्ली में जंतर मंतर पर भूख हड़ताल की थी। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने विदेशों से काले धन को वापस लाने के लिए तत्कालीन मनमोहन सरकार को घेरा था। इस आंदोलन का उद्देश्य कथित राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत कानून स्थापित करना था। इस आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी इस आंदोलन शामिल थे। लेकिन दोनों ही नेता  शराब नीति मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके है।      

केजरीवाल के पुराने साथियों ने क्या कहा 

एक वक्त आम आदमी पार्टी का प्रमुख चेहरा रहे कवि कुमार विश्वास ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर तंज कसा और इसे कर्मों का फल बताया है। उन्होंने केजरीवाल का नाम लिया बिना, लेकिन सोशल मीडिया पर एक तस्वीर और रामचरित मानस की एक चौपाई पोस्ट की, ‘कर्म प्रधान विश्व रचि राखा । जो जस करहि सो तस फल चाखा॥’ 

आम आदमी पार्टी के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत भूषण ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को हैरान करने वाला बताया। उन्होंने लिखा, ‘विडंबना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा के अपने बॉस के लिए कॉर्पोरेट से धन उगाही करने वाले ईडी के अफसरों की जांच होनी चाहिए और केस चलना चाहिए। लेकिन पिछली रात चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल को बिना किसी दस्तावेजी सबूत के गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी निंदनीय है।’

योगेंद्र यादव ने कहा, ‘राजनीतिक सहमति असहमति अपनी जगह है, लेकिन लोकतांत्रिक मर्यादा सर्वोपरि है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी इस मर्यादा का चीर हरण है। इस हिसाब से तो इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले में पूरी केंद्रीय कैबिनेट को जेल में होना चाहिए। लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर भारतीय को इसके विरोध में खड़ा होना चाहिए।’ 

पुरानी आप नेता और अब भाजपा में शामिल हो चुकी शाजिया इल्मी ने कहा, “बड़े बे आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी कम निकले। कौन सोच सकता है कि अन्ना हजारे आंदोलन में जिसने इतना बड़ा किरदार निभाया था। भ्रष्टाचार से लड़ने का जिसने स्वांग रचा था। जिसने कहा था कि निकलो बाहर मकानों से, जंग लड़ो बेईमानों से। वह आज के दिन तीसरी बार का मुख्यमंत्री बनकर शराब घोटाले में इतने संगीन आरोपों के तहत पकड़ा जाएगा, लेकिन बेशर्मी वैसी की वैसी बनी हुई है।’

     

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