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भाजपा को चुनावी बॉन्ड से मिले 8251.8  करोड़, घाटे वाली कंपनियों ने भी दिया चंदा

इलेक्ट्रान बॉन्ड से जुडी सभी जानकारियाँ सामने आ चुकी हैं। पता चला है कि बीजेपी को दूसरी पार्टियों की अपेक्षा कई गुना चंदा मिला है।भाजपा को बॉन्ड के जरिए 8251.8  करोड़ रुपयों का चंदा मिला है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने बॉन्ड से जुड़ी जानकारियाँ चुनाव आयोग को सौंप दी थीं। आयोग द्वारा सार्वजनिक किये गये डेटा के अनुसार मेघा ग्रुप नाम की एक कंपनी ने अपने कुल चंदे का 60 फ़ीसदी हिस्सा भाजपा को दिया है। दूसरे नंबर पर भारतीय राष्ट्रीय  कांग्रेस है जिसे कुल 1,952 करोड़ रुपयों का चंदा इलेक्ट्रान बॉन्ड के जरिये मिला है।लेकिन दोनों पार्टियों के बीच बॉन्ड  से मिले चंदों का अंतर बहुत बड़ा है। तीसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस है जिसे बॉन्ड के माध्यम से कुल 1,705  करोड़ रुपयों का चंदा मिला है। केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति को कुल 1300  करोड़ रुपयों का चंदा बॉन्ड के जरिये मिला है। नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल को कुल 944.5 करोड़ रुपयों का चंदा बॉन्ड के जरिये मिला। 

गुरुवार को चुनाव आयोग ने जो चुनावी बॉन्ड से जुड़ा डेटा जारी किया था। उससे ये साफ़ हो गया है कि किस ने किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया है।इलेक्ट्रान बॉन्ड से जुड़ी ये सभी जानकारियाँ मार्च 2018  से लेकर 24 जनवरी 2024 तक की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 21 मार्च तक इलेक्ट्रॉन बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबर जारी करने को कहा था जिसके बाद सारी तस्वीर साफ़ हो गयी। 

 

मेघा ग्रुप ने किसको दिया सबसे ज़्यादा चंदा ?

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने सबसे अधिक 529 करोड़ रुपयों का चंदा भाजपा को दिया। इसी मेघा ग्रुप की वेस्टर्न यू.पी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने कांग्रेस को 110 करोड़ रुपयों का चंदा दिया। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने कुल 1,192 करोड़ रुपयों का इलेक्ट्रॉन बॉन्ड ख़रीदा था।मेघा ग्रुप ने 195 करोड़ रुपयों का चंदा केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति को दिया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके को इस ग्रुप ने 85 करोड़ रुपयों का चंदा दिया। ये कंपनी तेलंगाना सरकार के कई प्रोजेक्ट में काम कर रही है जिसमें कालेश्वर डैम और जोजिला टनल जैसे कई प्रोजेक्ट्स शामिल है।  

 

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज 

इस कंपनी ने 542 करोड़ रुपयों का सबसे अधिक चंदा तृणमूल कांग्रेस को दिया।इस कंपनी ने कुल 1,368 करोड़ रुपयों के चुनावी बॉन्ड ख़रीदे थे।जिसमें 39.6 फ़ीसदी हिस्सा तृणमूल कांग्रेस को दिया गया था, इसके बाद डीएमके को 503 करोड़ रुपयों के रूप में कुल चंदे का 36.7 फ़ीसदी हिस्सा मिला है। इस कंपनी ने भाजपा को 100 करोड़ रूपये, और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को 154 करोड़ रुपयों का चंदा दिया। जबकि इस कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कई बार छापा भी मारा गया था।कंपनी ने अपने कुल मुनाफे से पांच गुना अधिक दान दिया।

 

भाजपा को सबसे अधिक चंदा किसने दिया?

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने इलेक्ट्रॉन बॉन्ड के जरिये भाजपा को 584 करोड़ रूपये और क़्विक सप्लाई चैन प्राइवेट लिमिटेड ने 375 करोड़ रुपयों का चंदा दिया था जबकि इस कम्पनी का कुल मुनाफ़ा 2021 से लेकर 2023 तक मात्र 80 करोड़ रूपये था। वेदांता लिमिटेड ने बीजेपी को 230.15 करोड़ रुपयों का चंदा दिया था। 

 

तृणमूल कांग्रेस पार्टी को सबसे अधिक चंदा किसने दिया?

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज पीआर ने तृणमूल कांग्रेस को 542 करोड़ रूपये, हल्दिया एनर्जी ने 281 करोड़ रूपये, और धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 90 करोड़ रुपयों का चंदा दिया था। 

 

कांग्रेस पार्टी को सबसे अधिक चंदा किसने दिया?

वेदांता लिमिटेड कंपनी  ने कांग्रेस को 125 करोड़ रूपये, वेस्टर्न यू.पी पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने 110 करोड़ रूपये, और एमकेजे इंटरप्राइजेज कंपनी ने 91.6 करोड़ रुपयों का चंदा दिया गया था। 

 

भारत राष्ट्र समिति पार्टी को सबसे अधिक चंदा किसने दिया?

मेघा इंजीनियरिंग ग्रुप ने भारत राष्ट्र समिति पार्टी  को 195 करोड़ रूपये, यशोदा हॉस्पिटल ने 94 करोड़ रूपये, और चेन्नई ग्रीन वुड्स ने 50 करोड़ रूपये दिए थे। 

 

चंदे के बदले धंधा!

करोड़ों के चंदे देने वाली फार्मों या कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड के जरिये कई प्रकार के लाभ प्राप्त किये हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है  कि दूसरे स्थान पर सबसे अधिक चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी मुख्य तौर पर सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम करती है।सबसे अधिक चंदा देने वाली और  लॉटरी उद्योग से पहचानी जानी वाली  फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं है। कंपनी द्वारा दी गयी आधिकारिक जानकारियाँ भी कई सवालों के घेरे में हैं। ऐसी बहुत फर्में थी जिनकी जाँच एजेंसियों द्वारा जाँच की जा रही थी लेकिन अचानक जांच ठंडे बस्ते में चली गयी। 

 

वो कंपनियां जिन्होंने अपने लाभ से ज़्यादा दान दिया 

21 मार्च को जारी डेटा के आधार पर कई ऐसी कंपनियां निकल कर सामने आयी हैं जिन्होंने अपनी आय से अधिक पैसा बॉन्ड के माध्यम से दान दिया। केवेंटर फूडपार्क इंफ़्रा लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लाभ से 150 गुना अधिक दान बॉन्ड के जरिये दिया। जिसमें से सबसे अधिक रुपये भाजपा के पास गये थे। 

मदनलाल लिमिटेड ने 2019 में 185 करोड़ रूपये के बॉन्ड ख़रीदे, जिनमें से 95 फ़ीसदी हिस्सा भाजपा को गया और 5 प्रतिशत हिस्सा कांग्रेस को गया। जबकि इसी वित्तीय वर्ष में इसका लाभ मात्र 1.84 करोड़ रूपये था। 

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने कुल 55 करोड़ रुपयों का दान बॉन्ड के जरिये भाजपा को किया। जबकि इस  कंपनी को  पिछले चार साल में 495 करोड़ रुपयों की हानि हुई है।  

आईएफबी एग्रो इंड्रस्ट्रीज लिमिटेड ने 2021 से 2023 के बीच 42 करोड़ रुपयों के बॉन्ड ख़रीदे जो कि टीएमसी को गया था। 2023 से 2024 के बीच 35 करोड़ का दान बॉन्ड के जरिये आरजेडी को दिया गया था। जबकि चार सालों में इस कंपनी का कुल लाभ 175.8 करोड़ रुपयों का था। 

इंफोटेल एक्सेस इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने अपने कुल लाभ का 70 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा भाजपा को बॉन्ड के जरिये दान किया है। 

चेन्नई ग्रीन वुड्स प्राइवेट लिमिटेड का कुल लाभ पिछले चार सालों का 36.6 करोड़ रुपयों का था। जबकि उसने 105 करोड़ रुपयों का दान बॉन्ड के जरिये राजनीतिक  पार्टियों को दिया। इसमें से 50 फ़ीसदी हिस्सा भारत राष्ट्र समिति पार्टी को दिया गया। जबकि अन्य हिस्सा टीएमसी और कांग्रेस को दिया गया था।

 

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