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प.बंगाल में लेफ्ट ने भी जारी की 16 प्रत्याशियों की सूची, इंडिया गठबंधन बेमतलब

देश में लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है।16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। सभी राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में लगी है। इसी बीच  इंडिया गठबंधन के अहम हिस्से माने जाने वाले वामपंथी मोर्चे ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के लिए प.बंगाल में 16 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन के संभावनाओं के बीच यह लिस्ट जारी की गई है। केरल में कांग्रेस और लेफ्ट एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।  इससे पहले टीएमसी अपने 42 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है। यानी पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन का कोई अर्थ नहीं रह गया है। देखें पूरी लिस्ट

 

  1.      कूच बिहार-  नीतीश चंद्र राय
  2.      जलपाई गुड़ी – देवराज बर्मन 
  3.      बालुरघाट- जय देव सिद्धांत  
  4.      कृष्णा नगर- एम एस साधी 
  5.      दमदम- सूजन चक्रवर्ती
  6.      जदवपुरर्य- सृजन भट्टजा 
  7.      कोलकाता दक्षिण – सायरा शाह
  8.      हावड़ा- सब्यसची चटर्जी 
  9.      श्रीरामपुर-  दिप्सिता धार 
  10.      हुगली-  मनोदीप घोष
  11.      तमलुक- सायना बनर्जी
  12. मेदनीपुर- बिप्लब भट्टो 
  13. बांकुड़ा- नीलांजना दासगुप्ता
  14. विष्णुपुर- शीतल कैबोर्त
  15. बर्द्धमान पूर्व – निरब खान 
  16. आसनसोल- जहांआरा खान 

   

सीट समझौते को लेकर बातचीत जारी 

लेफ्ट ने कांग्रेस से बातचीत की संभावनाओं को अभी तक बना रखा है। लेफ्ट मोर्चे के अध्यक्ष ने कहा है कि अभी कांग्रेस के साथ बातचीत अंतिम स्तर  नहीं पहुंची है। वाम मोर्चे में शामिल दल शनिवार को फिर से मीटिंग करेंगे। इसमे सीट समझौते को लेकर चर्चा हो सकती है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लेफ्ट से सीट समझौते को लेकर उम्मीद जताई है।

तृणमूल कांग्रेस अकेले ही लड़ रही है चुनाव

बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पहले ही 42 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुका है।  तृणमूल कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम में पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को कांग्रेस नेता अधीर चौधरी के खिलाफ मैदान में उतारा है। लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा को कृष्णा  नगर से दोबारा टिकट दिया है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर सिटी से चुनाव लड़ेंगे। ममता ने कांग्रेस को दो सीट पेशकश की थी। ममता ने स्पष्ट किया था कि हम कांग्रेस को इससे अधिक सीट नहीं दे सकते। कांग्रेस ने ममता की इस पेशकश को ठुकरा दिया था। इसलिए ममता ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद ममता ने बंगाल की सभी लोकसभा सीटों  के  उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया।

आमतौर पर गठजोड़ न होने को इंडिया गठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है लेकिन एक नज़रिया और भी है। इसके मुताबिक अगर इंडिया गठबंधन के सारे दल एक तरफ होते तो पश्चिम बंगाल में बीजेपी एकमात्र विपक्ष रह जाती और ममता सरकार से नाराज़ सारे वोट उसको ही मिलते। अलग लड़ने से ममता सरकार के विरोधियों के पास एक और विकल्प रहेगा। यानी इस रणनीति से बीजेपी को फायदा नहीं बल्कि नुकसान होगा।

 

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