लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही सर्च इंजन गूगल पर राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च 9 गुना बढ़ गया। बीते तीन महीने में लगभग सौ करोड़ रुपये के विज्ञापन गूगल को दिये गये। जो बीते साल इसी अवधि में खर्च किये गये 11 करोड़ रुपये से नौ गुना अधिक हैं। इस दौड़ में केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी सबसे आगे है जिसने 1 जनवरी से 15 मार्च तक गूगल विज्ञापन पर 31 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये। अधिकांश विज्ञापनों के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे और यह अनेक भाषाओं में दिखाये गये।
किसने क्या सबसे ज्यादा खर्चा
जनवरी से मार्च के बीच बीजेपी के 31 करोड़ के मुकाबले कांग्रेस ने इस अवधि में केवल 14 लाख रुपये खर्च किये।इन विज्ञापनोें में अधिकांश राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर थे। राहुल गांधी की फेसबुक पोस्ट को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस ने 5.7 लाख रुपये खर्च किये।
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस अवधि में विज्ञापनों पर 4 करोड़ रुपये खर्च किए। वाईएसआर कांग्रेस राजनीतिक विज्ञापन पर खर्च करने के मामले में भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर है।
ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने इस अवधि के बीच 1.30 करोड़ रूपये विज्ञापन पर खर्च किये। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी ने 39.5 लाख रुपए ऑनलाइन विज्ञापन पर खर्च किये।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की बिहार-केंद्रित जन सुराज पार्टी ने तेलुगु भाषा में कुछ यूट्यूब वीडियो को बढ़ावा देने के लिए 2.5 लाख रुपये खर्च किये।
उत्तर प्रदेश में गूगल विज्ञापनों पर सबसे ज्यादा खर्चा किया गया है। इसके बाद ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में खर्चा किया गया। विज्ञापन का 40 प्रतिशत खर्च इन पांच राज्य से ही आता है।
किस प्लेटफार्म पर सबसे ज्यादा खर्च
कई फेसबुक पेजों पर पार्टियों और नेताओं को टारगेट करने वाले पोस्ट के विज्ञापन के लिए लाखों रुपये खर्च किये गये। उदाहरण के लिए, फेसबुक पेज ‘महागठबंधन’ ने 14.4 लाख और ‘बदले बिहार’ ने 20 लाख रुपए पिछले तीन महीने में खर्च किये। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जन-समर्थक छवि को चुनौती देने वाले ‘निर्माता’ नाम के एक अन्य पेज ने विज्ञापनों में 56.4 लाख रुपये खर्च किए।
राजनीतिक विज्ञापन के लिए पसंदीदा मेटा प्लेटफॉर्म के रूप में इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा विज्ञापन दिखाये जाते है। 14 जनवरी से 28 फरवरी के बीच बीजेपी के 356 विज्ञापनों में से 190 अकेले इंस्टाग्राम पर चले। दूसरी तरफ कांग्रेस ने 10 फरवरी से 3 मार्च के बीच 71 अभियानों का विज्ञापन किया।
वीडियो विज्ञापनों ने पिछले कुछ वर्षों में विज्ञापन क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। अधिकांश ब्रांड अपने डिजिटल अभियानों का बड़ा हिस्सा वीडियो विज्ञापनों के लिए आवंटित कर रहे है। राजनीतिक दलों ने भी अधिक खर्च वीडियो विज्ञापन पर किया गया। कांग्रेस और बीजेडी ने अपना पूरा फंड वीडियो पर खर्च किया है। वहीं बीजेपी ने 70 फीसदी से ज्यादा पैसा वीडियो विज्ञापनों पर खर्च किया है।