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केरल के मुख्यमंत्री की बेटी के ख़िलाफ़ शुरू हुई ईडी की जाँच 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा विजयन और उनकी आईटी कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरु कर दी है। यह कोचीन की एक कंपनी से जुड़ा मामला है। आरोप है कि कंपनी ने अवैध तरीके से भुगतान किया। ईडी ने गंभीर धोखाधड़ी की एक शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया है।  

 

क्या है पूरा मामला

कोच्चि स्थित कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) से संबंधित आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के बाद पिनराई विजयन की बेटी वीणा विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में है। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी ने वीणा की आईटी फर्म, एक्जिलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को 2018-19 से तीन वर्षों में 1.72 करोड़ रुपये का कथित तौर  अवैध भुगतान किया था। 

ईडी ने कोट्टायम जिले के वरिष्ठ राजनेता पी सी जॉर्ज के बेटे शॉन जॉर्ज की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। शॉन जॉर्ज  हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे।

एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सीएमआरएल को कोई सेवा प्रदान न किए जाने के बावजूद वीणा की फर्म एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को मासिक भुगतान किया गया था। एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने इस जांच के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया था लेकिन पिछले महीने अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि वह केंद्र सरकार को जाँच से रोक नहीं सकती। 

2016 से खनन कंपनी सीएमआरएल के खाते से एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस को भुगतान किया गया था। सीएमआरएल और एक्सालॉजिक का तर्क यह है कि यह सीएमआरएल को आईटी सेवाएं प्रदान करने के लिए की गयी अनुबंध राशि है। 

केरल के मुख्यमंत्री ने जनवरी में कहा था की उनकी बेटी ने उनकी पत्नी की सेवानिवृत्ति निधि का उपयोग करके कंपनी शुरू की थी। उनके परिवार के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप झूठे है। 

 

ईडी के निशाने पर सिर्फ विपक्ष के नेता

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली की शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार के मामले में 21 मार्च को  गिरफ्तार किया था। इसी साल जनवरी में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जुड़े मामलो में गिरफ्तार किया गया था। विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय जांच एजेंसी पर राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए कार्रवाई करने का आरोप लगाते रहते है।    

इंडियन एक्सप्रेस एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले आठ सालों में विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी के मामले चार गुना बढ़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 से 2022 के बीच 121 बड़े राजनेताओं से जुड़े मामलों की जांच ईडी कर रही है।  इनमें से 115 नेता विपक्षी पार्टियों से हैं यानी 95 फीसदी मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ है। यूपीए के समय 2004 से लेकर 2014 के दस सालों में 26 नेताओं की जांच ईडी ने की इनमें से 14 नेता विपक्षी पार्टियों के थे। 

 

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