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राज्यसभा सभापति ने AAP सांसद राघव चड्ढा को सस्पेंड किया!

11 अगस्त को संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) के आखिरी दिन आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को “नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अपमानजनक रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण” के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।” उनका निलबंन विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक किया गया है। उनके निलंबन का प्रस्ताव सदन के नेता पीयूष गोयल (Piyush Goyal) द्वारा पेश किया गया ध्वनि मत से पारित हो गया। इस प्रस्ताव में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 के लिए प्रस्तावित चयन समिति में संसद के उच्च सदन के चार सदस्यों के नाम को शामिल करने के लिए आप सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

 दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा के दौरान AAP सांसद राघव चड्ढा ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव पेश किया था, इस प्रस्ताव के लिए पांच सांसदों की सहमति जरूरी थी। उच्च सदन के पांच सांसदों ने दावा किया कि दिल्ली सेवा विधेयक (Delhi Service Bill) को उनकी सहमति के बिना आप सांसद ने सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया था। इनमें विरोध दर्ज कराने वाले तीन भाजपा सांसद हैं वहीं एक BJD और एक अन्नाद्रमुक सांसद भी शामिल हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जांच की मांग की थी।

आम आदमी पार्टी ने प्रेस नोट जारी किया और कहा सांसद राघव चड्डा का निलंबन कथित उल्लंघन मामले में अपना बचाव करने हेतु कल की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के कारण हुआ। कहीं भी पीयूष गोयल के निलंबन प्रस्ताव या विशेषाधिकार समिति (Privileges Committee) द्वारा दिए गए नोटिस में इन शब्दों का उल्लेख नहीं है – जालसाजी या नकली, हस्ताक्षर, फ़र्ज़ीवाड़ा आदि। इसमें इस आशय का दूर-दूर तक कोई आरोप नहीं है। इसलिए, क्योंकि किसी भी जालसाजी या नकली हस्ताक्षर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

मीडिया से अनुरोध है कि वे इसका उपयोग करने से बचें अन्यथा हम कानून के अनुसार कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे।

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