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नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट से मिली राहत, बिहार में चलती रहेगी जाति जनगणना ।

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार में चल रहे जाति जनगणना (Caste Census) के रोक की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं है। इसे नीतीश सरकार के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, पटना हाईकोर्ट में 5 दिन तक सुनवाई चलने के बाद 7 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन व न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने हाईकोर्ट में दायर याचिका का विरोध किया था तो वहीं याचिकाकर्ता ने बिहार में चल रहे जाति गणना को संविधान विरोधी बताया था।

3 जुलाई के सुनवाई में राज्य सरकार का पक्ष रख रहे महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट से कहा “राज्य सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर ही इस सर्वे को कराने की शुरुआत की है।”  याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रख रहीं वकील रीतिका रानी ने कहा कि याचिका खारिज कर दी गई है अब जजमेंट की कॉपी पढ़ने के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे, जजमेंट को पढ़ने के बाद 1 सप्ताह के अंदर हम सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाएंगे। याचिकाकर्ता के अन्य वकील दीनू कुमार ने कहा “जनगणना का अधिकार बिहार सरकार को नहीं है।”

बीते 4 मई को जातिगत गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अस्थाई रूप से रोक लगा दी थी। हालांकि अब JDU सरकार को हरी झंडी मिल चुकी है, माना जा रहा है कि जाति गणना के दूसरे और आखिरी चरण का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।बिहार में JDU सरकार ने 2 जून 2022 को जाति गणना को लेकर प्रस्ताव पास किया था, जिसके बाद 7 जनवरी 2023 से जाति गणना की शुरुआत हुई और पहले फेज़ काम शुरू हो गया था। 15 अप्रैल को दूसरे फेज के गणना शुरू हो चुकी थी, वही 21 अप्रैल को जाति गणना रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) कि इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है, उप मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी सरकार के जाति आधारित सर्वे से प्रामाणिक, विश्वसनीय और वैज्ञानिक आँकड़े प्राप्त होंगे। इससे अति पिछड़े, पिछड़े तथा सभी वर्गों के गरीबों को सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा। जातीय गणना आर्थिक न्याय की दिशा में बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा। हमारी माँग है कि केंद्र सरकार जातीय गणना करवाए। OBC प्रधानमंत्री होने का झूठा दंभ भरने वाले देश की बहुसंख्यक पिछड़ी और गरीब आबादी की जातीय गणना क्यों नहीं कराना चाहते? #CasteCensus

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा कि बिहार (Bihar) एक नजीर पेश करेगा, जनता की सामाजिक आकांक्षा व राजनीतिक तिकड़म करने वाले लोग जो जाति सर्वे को अपरोक्ष रूप से रोकने की साजिश रच रहे थे, अदालत ने ऐसी दूषित मंशा वाली याचिका ख़ारिज कर दिया है।

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