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केंद्र सरकार का भ्रष्टाचार उजागर करने वाले सीएजी अधिकारियों का ताबादला || Molitics

सीएजी के उन तीन अफसरों का तबादला कर दिया गया है

सीएजी के उन तीन अफसरों का तबादला कर दिया गया है जिनकी रिपोर्ट से केंद्र सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कठघरे में थी। इन अधिकारियों ने केंद्र की भारतमाला परियोजना और आयुष्मान भारत योजना की ऑडिटिंग की थी। इन योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ी सीएजी की रिपोर्ट मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश की गयी थी।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी सीएजी के ये तीन अधिकारी हैं अतुवा सिन्हा, अशोक सिन्हा और दत्तप्रसाद सूर्यकांत। अतूवा सिन्हा को प्रिन्सपल डायरेक्टर ऑफ ऑडिट, इंफ्रास्ट्रक्चर (पीडीए इंफ्रास्ट्रक्चर) के पद से हटाकर केरल का अकाउन्टेन्ट जनरल बनाया गया है। उनकी यह नियुक्ति सुनील राज सोमराजन की जगह हुई है। सिन्हा ने बतौर पीडीए इंफ्रास्ट्रक्चर मार्च 2023 में पदभार संभाला था।

अतूवा सिन्हा हाई-वे प्रोजेक्ट से जुड़ी

सीएजी की उस रिपोर्ट की प्रमुख थीं, जिसमें द्वारका एक्स्प्रेस-वे प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था। सीएजी की इस रिपोर्ट में कहा गया था कि नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा द्वारका एक्सप्रेस वे में एलीवेटेड कैरिजवे बनाने के निर्णय के कारण तय लागत 18.20 करोड़ प्रति किलोमीटर से बढ़कर 250.77 करोड़ प्रति किलोमीटर हो गई।

वहीं तबादला किये गये दूसरे अधिकारी दत्तप्रसाद सूर्यकांत अभी तक ऑडिट, सेंट्रल इक्स्पेन्डिचर के महानिदेशक (Director General) के रूप में कार्यरत थे। अब उन्हें डायरेक्टर (लीगल) बनाया गया है। सूर्यकांत आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी एक ऑडिट रिपोर्ट का हिस्सा थे।
तबादले की फेहरिस्त में तीसरा नाम अशोक सिन्हा का है। अशोक सिन्हा अभी तक उत्तर-मध्य क्षेत्र के महानिदेशक के रूप में पदभार संभाल रहे थे और आयुष्मान योजना से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट का हिस्सा थे। अब उन्हें डायरेक्टर जनरल (राजभाषा) बनाया गया है। सीएजी ऑफिस द्वारा जारी अशोक सिन्हा के तबादले के आदेश में यह भी कहा गया है कि सिन्हा राजभाषा के महानिदेशक के अलावा डीजी (इग्ज़ैम) का पद भी अगले आदेश तक संभालेंगे।

आयुष्मान भारत से जुड़ी सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया था कि 161 जिले के लगभग 964 अस्पतालों में 2.25 लाख केस ऐसे मिले जिसमें मरीजों की सर्जरी की तारीख उनके अस्पताल से डिस्चार्ज होने की तारीख के बाद की दर्ज है। इसके साथ ही मेडिकल क्लेम पाने वालों की सूची में कई ऐसे नाम भी शामिल मिले जिनकी पहले ही मृत्यु हो चुकी है।

अधिकारियों के तबादले पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिय दी है। कांग्रेस ने प्रधानमन्त्री मोदी और भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इस शासन (मोदी शासन) में जो भी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करेगा, उसे सज़ा मिलेगी।

काँग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कुछ समय पहले तक टेलीविजन चैनलों पर सीएजी की रिपोर्टों पर बहस होती थी। सरकार ने गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय सीएजी अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी लेकिन इस पर कहीं कोई बहस नहीं है। कोई नाराजगी नहीं है। यह मूक मीडिया की ताकत है – यह सरकारों को शक्तिशाली बनाती है।

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मोदी सरकार सच को छुपाने और डराने-धमकाने के लिए माफ़िया की तरह काम करती है। यदि कोई उसके भ्रष्टाचार के तौर-तरीकों को सामने लाता है, तो या तो उन्हें धमकी दी जाती है या हटा दिया जाता है। उसके ताज़ा शिकार नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के तीन अधिकारी हैं, जिन्होंने संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश की गई एक रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर घोटालों का ख़ुलासा किया था। CAG रिपोर्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक योजनाओं में घोटाले को उजागर किया गया था।

उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके बावजूद कि CAG को एक स्वतंत्र निकाय माना जाता है।

इसके साथ ही कांग्रेस ने तीनों अधिकारियों के तबादले को रद्द करने और भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ जांच करने की भी मांग की है।

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